tag:blogger.com,1999:blog-4049883018081672802.post7658890697912814353..comments2023-09-18T06:13:22.753-07:00Comments on Mahamandal.blogspot.com: 卐卐 13. "महामण्डल की भूमिका " -श्रद्धा का दान -अपने आप पर श्रद्धा करना सीखो! [एक नया आन्दोलन -13.'The Role of the Mahamandal ']Mahamandal blog spot.comhttp://www.blogger.com/profile/13272575761809156576noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4049883018081672802.post-31195476065578801952018-07-05T20:22:06.979-07:002018-07-05T20:22:06.979-07:00" समग्र संसार हमसे इस धर्मसहिष्णुता की शिक्षा..." समग्र संसार हमसे इस धर्मसहिष्णुता की शिक्षा ग्रहण करने के इन्तजार में बैठा हुआ है। हाँ, तुमलोग शायद नहीं जानते कि विदेशों में कितना परधर्म-विद्वेष है। धर्म के लिए किसी मनुष्य की हत्या कर डालना पाश्चात्य देशवासियों के लिये इतनी मामूली बात है कि आज नहीं तो कल गर्वित पाश्चात्य सभ्यता के केन्द्रस्थल (अमेरिका) में ऐसी घटना (9/11) हो सकती है!" (वेदान्त का उद्देश्य ५/८३ -८६) ]<br /><br />Mahamandal blog spot.comhttps://www.blogger.com/profile/13272575761809156576noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4049883018081672802.post-24011012645572215482018-07-05T20:16:11.733-07:002018-07-05T20:16:11.733-07:00 केवल आत्मविश्वास (अपने ईश्वरत्व का विश्वा... केवल आत्मविश्वास (अपने ईश्वरत्व का विश्वास) ही व्यक्ति को दाता की भूमिका ग्रहण करने के लिये अनुप्रेरित कर सकता है ! हमें यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिये कि हमारा एकमात्र धर्म-मत या सिद्धान्त (creed) है, राष्ट्र-निर्माण ! और उस भविष्य के भारत का निर्माण हमें अपनी महान राष्ट्रिय-प्रतिभा के अनुरूप ही करना चाहिये, जो यह शिक्षा देती है कि राष्ट्र-निर्माण भीख माँगने से नहीं , केवल दाता की भूमिका ग्रहण करने से ही सम्भव होता है ! <br /><br />Mahamandal blog spot.comhttps://www.blogger.com/profile/13272575761809156576noreply@blogger.com